ब्यूरो, भोपाल
नागर सिंह चौहान से वन महकमा वापस लिए जाने के बाद वन विभाग उनके कार्यकाल में जारी आदेशों में बदलाव कर रहा है। विभाग मे निविदा जारी कर ठेकेदारों के माध्यम से काम कराने के आदेश पहले जारी किए गए थे अब उसमें बदलाव कर नया आदेश जारी किया गया है। विभाग अब खुद ही कई सारे काम कराएगा।
वन विभाग ने वन विभाग से मंत्री के हटने के बाद विभाग द्वारा जारी किए गए 25 मार्च 2024 और 4 जून और छह जून 2024 के आदेशों को अधिक्रमित करते हुए अब नया आदेश जारी किया है कि प्रदेश में वानिकी से कार्य पूर्व की भांति वन विभाग विभागीय स्तर पर कराएगा। वहीं पच्चीस लाख रुपए तक के सभी निर्माण कार्य अब निविदा या विभागीय रुप से कराए जा सकेंगे। केवल पच्चीस लाख रुपए से उपर के निर्माण कार्य ही निविदा के माध्यम से कराए जाएंगे। विभागीय स्तर पर जो काम कराए जाएंगे अथया ऐसे सभी काम जिनमें सामग्री की खरीदी की जाना है उसमें भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियमों का पूर्णत: पालन कर सामग्री खरीदी जाएगी। खरीदी में वार्षिक जरुरतों का पूर्व आंकलन किया जाएगा और सक्षम अधिकारी की स्वीकृतियों से बचने के लिए किसी एक सामग्री के क्रय के आदेश को विभक्त नहीं किया जाएगा।
इसके पहले वन विभाग ने ठेकेदार लाबी के दबाव में आकर 27 मार्च को एक आदेश जारी कर वन विभाग में डेढ़ सौ साल पुरानी व्यवस्था में बदलाव कर दिया था। इस आदेश में कई कामों को ठेके से कराए जाने के आदेश जारी किए गए थे। पूर्व वन मंत्री और पूर्व एसीएस वन कार्यकाल में जारी हुए इस फरमान का वन विभाग में व्यापक स्तर पर विरोध हुआ था। बालाघाट की वन समिति इसको लेकर कोर्ट गई थी। इस आदेश से वन महकमें के काम देने वाले छोटे मजदूरों के हाथ से यह काम छिन गया था। जंगलों के आसपास रहने वाले आदिवासियों को इसके जरिए रोजगार मिलता था वह उनसे वापस ले लिया गया था। । इनमें सभी वन मंडलों और वन्य प्राणी क्षेत्रों में कोर क्षेत्र छोड़कर फेंसिंग के काम, वारवेडवायर फेंंसिंग, चेनलिंक फेंसिंग, पशु अवरोधक खंती, पशु अवरोधक दीवार निर्माण, दो लाख से अधिक लागत के सभी भवन निर्माण और मरम्मत कार्य, नर्सरी में अधोसंरचना विकास अंतर्गत पाली हाउस, मिस्ट चेंबर का निर्माण, वोरबेल्स का निर्माण, क्षेत्र तैयारी, गढ्ढा खुदाई कार्य, पौधरोपण और अन्य उससे जुड़े काम ठेके से कराए जाने के आदेश जारी किए गए थे। दो लाख रुपए से अधिक लागत के भूसंरक्षण के काम भी ठेके से कराए जाने थे। वन विभग के इस आदेश का व्यापक विरोध हुआ था। वन विभाग से वन मंत्री नागर और अपर मुख्य सचिव वन के पद से जेएन कंसोटिया के हटने के बाद अब अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल पुराने आदेशों का विश्लेषण कर रहे है। उनकी उपयोगिता का परीक्षण कराया जा रहा है। इसके बाद वन विभाग में वानिकी जैसे महत्वपूर्ण जो ठेके से कराए जाने के निर्देश दिए गए थे वे अब फिर वन विभाग खुद कराएगा।