छिंदवाडा: जिले के परासिया में नगर पालिका के चुनावी नतीजों ने अध्यक्ष के पेंच को फंसा दिया है। मामला एक निर्दलीय पार्षद पर जाकर अटक गया है। दरअसल दोनों ओर से दस दस पार्षद चुनाव जीतकर आए है और एक निर्दलीय ने मैदान मारा है। ऐसे में दोनों दलों की नजरें निर्दलीयों पर टिकी हुई है, भाजपा ने तो बाकायदा उसके साथ बैठक कर मामला सैट करने का प्रयास भी किया लेकिन विफलता ही हाथ लगी। बताया जा रहा है कि निर्दलीय पार्षद ने अध्यक्ष बनने की ख्वाहिश पर समर्थन देने की बात कही थी जो भाजपा को रास नहीं आई और मामला बिगड गया। खबर ये भी है कि अब निर्दलीय कांग्रेस नेताओं के प्रस्ताव की राह देख रहा है। हालांकि कांग्रेस भी अध्यक्ष के लिए तैयार होगी या नहीं अभी साफ नहीं है लेकिन सूत्रों का कहना है कि स्थानीय नेताओं ने इसके लिए साफ तौर पर मना कर दिया है। ऐसी स्थिति में निर्दलीय पार्षद उहापोह की हालत में है। बताया जा रहा है कि पार्षद के समर्थक कोई नया रास्ता निकालने की बात कह रहे है, रास्ता निकलेगा या नहीं ये अभी नहीं कहा जा सकता।
- बागियों पर नजरें
जानकारों के अनुसार परासिया के इन हालातों में कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे के असंतुष्टों पर नजरें जमाए बैठे है। वैसे असंतोष के हालात भाजपा में ज्यादा नजर आते है। ऐसे में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो इससे इंकार नहीं किया जा सकता। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि भाजपा के दो से तीन बागी पार्षद उनके संपर्क में है और हो सकता है जल्दी ही कोई नतीजा निकल आए। खबर ये भी है कि एक या दो दिन में कांग्रेस के नेता अपना अध्यक्ष बना सकते है। इसको लेकर स्थानीय नेताओं ने भी भरोसा जताया है।