- समर्थकों के कारण फिर बढने लगी दूरियां
- आलाकमान की नजरें समीकरणों पर
- कब तक कायम रहेगी नजदीकियां
- एक युवा नेता बन रहे रोडा
- भाजपा की भी नजरें
छिंदवाडा की कांग्रेस में कुछ समय से पूर्व विधायक दीपक सक्सेना और वर्तमान जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे मतभेद चल रहे थे। हालात ऐसे हो गए थे कि दोनो एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते थे। सार्वजनिक टिप्पणियां भी सामने आ चुकी है। लेकिन इन दोनों के बीच की खाई को पाटने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दोनों को साथ बैठाया और सब कुछ सामान्य नजर आने लगा। जिला कांग्रेस अध्यक्ष की कमान संभालने से पहले विश्वनाथ ओकटे और दीपक सक्सेना के साथ वरिष्ठ नेता गंगा प्रसाद तिवारी को बैठाया गया और जब तीनों नेताओं के बीच सामंजस्य बनता नजर आया तो विश्वनाथ ओकटे को हरी झंडी दे दी गई। लेकिन अभी भी कांग्रेस नेताओं को इस बात का संशय है कि क्या सचमुच में दोनों नेता एक है।दरअसल इस संशय की वजह दोनों नेताओं के समर्थक रहे है। दोनों के समर्थक पुरानी बातों को भूलने को तैयार नहीं। इतना ही नहीं बीच में जिला कांग्रेस अध्यक्ष के साथ अचानक सामने आए एक नेताजी ने तो दोनों के बीच की दूरियों को बढा दिया था लेकिन अब एक बार फिर एक नजर आने लगे है। सूत्रों की मानें तो कुछ समय पहले दीपक सक्सेना और विश्वनाथ ओकटे ने रोहना में बैठक कर कुछ गिले शिकवे भी दूर किए थे। खबर यह भी है कि दोनों नेताओं के बीच एक युवा नेता का मामला आ रहा है। दरअसल दीपक सक्सेना नहीं चाहते की ये युवा नेता मंच पर संचालन करते या फिर विश्वनाथ ओकटे के नजदीक नजर आए, इस मामले में उन्होने विश्वनाथ ओकटे से अपना रवैया भी साफ कर दिया था बावजूद इसके युवा नेता को किनारे नहीं किया गया। ऐसे में दोनों के बीच में हुई सुलह कितने दिनों तक कायम रहती है इसपर संशय है। अब देखना ये है कि क्या ये एकता केवल आलाकमान को दिखाने के लिए है या फिर सच में है,अभी इसपर पूरी तरह से राय कायम करना मुश्किल है। इन सबके बीच भाजपा के नेता भी दोनों के बीच बनते बिगडते समीकरणों पर नजरें जमाए बैठे है ताकि आने वाले समय में वे इसका लाभ उठा सकें। खबर यह भी है कि कुछ भाजपा नेता दोनों के समर्थकों से लगातार चर्चा भी कर रहे है और वास्तविक स्थिति का लगातार पता लगा रहे है।