- जोड तोड के लिए समय मिलने से लगाने लगे जुगत
- आला नेताओं को भी साध रहे पार्षद के उम्मीदवार
- दोबारा आरक्षण के इंतजार में नेताजी
छिंदवाडा: नगर निकाय चुनाव में अभी समय है। लेकिन यहां पर राजनैतिक दलों में महापौर को लेकर हलचल काफी समय से बढी हुई है। कौन बनेगा महापौर और कौन होगा अध्यक्ष इसको लेकर राजनेता जोडतोड करने में लगे हुए है। उन्हें उम्मीद है कि समय से पहले यदि जोड तोड कर ली गई तो पार्टी के आला नेताओं को भी मनाया जा सकता है। उधर ये भी चर्चा नेताओं के बीच बनी हुई है कि एक बार फिर नए तरीके से आरक्षण होगा। हालांकि अभी इस तरह के कोई संकेत नहीं मिले है कि आरक्षण दोबारा होगा या फिर पहले हुए आरक्षण के आधार पर ही चुनाव होगा। इन सब बातों के बीच कई नेता महापौर बनने के सपने देख रहे है। इसके लिए उन्होने अलग अलग वार्डों में संभावित जीतने वाले नामों को साधना भी शुरु कर दिया है, क्योंकि इस बार पार्षद ही महापौर का फैसला करेंगे और ऐसे में उन्हें अपने पक्ष में करना जरुरी होगा। खैर, हम बतातें है कि महापौर बनने के सपने कौन देख रहा है। भाजपा की बात करें तो इसके दो वरिष्ठ नेताओं ने कुछ समय से इसके लिए जोड तोड शुरु कर दिया है हालांकि अभी इसे मुंगेरी लाल के हसीन सपने से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। वैसे ही हाल कांग्रेस में भी है। कुछ महिला नेत्री और तीन वरिष्ठ नेता भी महापौर को लेकर सपने देख रहे है। उन्होने अपनी मंशा नेताओं के सामने भी रख दी है। लेकिन दोनों ही दल के आलाकमान ने अभी किसी को हरी झंडी नहीं दी है। अब आने वाले समय में ये देखना दिलचस्प होगा कि किसके सपने टूटेंगे और किसके संवरेंगे?