निगम के चार सभापति खतरे में, दलबदल वाले तीन पार्षदों को ही मौका, पुरानों को साधने की भी हो रही कवायद, उठापटक का दौर हुआ तेज

छिंदवाडा: नगर निगम के चार सभापतियों के उपर तलवार लटक रही है। दरअसल महापौर के भाजपा में चले जाने के बाद एमआईसी का गठन होना है और इसके लिए भाजपा तैयारी में जुटी है। भाजपा के नेता तमाम समीकरणों को साधने की जुगत लगा रहे है। समीकरणों पर नजर डालें तो इसके लिए तीन गुटों का साधने की बात कही जा रही है। एक गुट कद्दावर नेता दीपक सक्सेना से जुडा है जबकि दूसरा गुट चौधरी चंद्रभान सिंह के समर्थकों का है। वहीं एक अन्य गुट जो सीधे सांसद विवेक बंटी साहू के साथ है उसकी भी अपेक्षाएं बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि जिस तरह के समीकरण बनाने की बात सामने आ रही है उसमें वर्तमान में तैनात चार सभापतियों काे बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इन सभापतियों में तरुण कराडे, राहुल मालवीय, बबला का नाम शामिल है। इसके अलावा जो कतार में है उनमें से कांग्रेस से भाजपा में आए दाे पार्षद जो सभापति बनने के सपने बुन रहे है उन्हें मौका नहीं मिल सकता है। इनमें से एक महिला पार्षद का नाम शामिल बताया जा रहा है। भाजपा के सूत्रों की मानें तो पुराने पार्षदों से इस मामले में रायशुमारी के बाद ही सब कुछ तय किया जाएगा। उधर सांसद विवेक बंटी साहू दिल्ली से लौटकर इस मामले में पार्षदों से मुलाकात करके मामले को आगे बढा सकते है।

  • मनोज और प्रमोद को लिया तो दूसरे पार्षद खतरे में 

सूत्रों ने बताया कि यदि दलबदल करने वाले कांग्रेसियों में मनोज सक्सेना और प्रमोद शर्मा को मौका मिला तो दूसरे पार्षदों के सपने टूट सकते है। ये दोनों ही पार्षद फिलहाल दीपक सक्सेना गुट के नहीं है। उधर रोहना से जुडे कुछ पार्षदों को भी सभापति बनाए जाने का दबाव बना हुआ है। सूत्रों का कहना है कि इनमें चंद्रभानदेवरे का नाम मुख्य तौर पर शामिल है। हालांकि श्री सक्सेना इस मामले में अभी शांत है। कहा जा रहा है कि इस संदर्भ में जब उनसे रायशुमारी की जाएगी तब वे अपनी बात रखेंगे। सूत्र बताते है कि हो सकता है कि श्री सक्सेना अपने समर्थकों में से दो सभापति बनवा लें। बहरहाल निगम में एमआईसी गठन को लेकर कामकाज पर असर देखने को मिलने लगा है। गठन कब होगा अभी साफ नहीं हो पाया है।