छिंदवाडा: शहर में यातायात व्यवस्थित करने कलेक्टर शीलेंद्र सिंह को मैदान में आना पडा। मैदान से मतलब ये है कि उन्होने अपनी टीम को नगर निगम के अधिकारियों के साथ एक्टिव कर दिया है ताकि किसी तरह की परेशानी न आए। इसी के चलते शहर के अलग अलग स्थानों में बने बेसमेंट पर ताले जडे जा रहे है। कलेक्टर के तल्ख और सख्त तेवरों से साफ हो गया कि वे शहर के लोगों को सकरी की जगह चौडी सडकें देने की तैयारी में है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि बेसमेंट में जहां पार्किंग होनी चाहिए वहां पर दुकानदार दुकानों को चला रहे है। ऐसे में सडकों पर पार्किंग नजर आने लगी है। आज अचानक शुरु हुई इस मुहिम में सौ से ज्यादा बेसमेंट की दुकानों पर ताले जड दिए गए। इसने शहर के अवैध बेसमेंट संचालकों को हिलाकर रख दिया। महापौर विक्रम आहके के साथ कुछ पार्षदों को भी ये समझ नहीं आ रहा था कि सब कुछ कैसे हो रहा है। जब तक समझ आता तब तक खासे अवैध बेसमेंट पर ताले जडे जा चुके थे। उन्होने धरना दे दिया, इसके बाद कलेक्टर ने देर शाम उनसे चर्चा की तो सारी स्थिति साफ हुई। कलेक्टर ने अपने अंदाज में राहत वाली बात ये कह दी कि दीपावली तक छोटे व्यापारियों को कार्यवाही से बचाया जा सकता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वे हमेशा के लिए ऐसे ही रहे। उन्हें अपना ठिकाना तलाशना होगा। कलेक्टर की इस बात से महापौर के साथ साथ भाजपा के नेता भी संतुष्ट हो गए और बाद में वहां से चले गए। इन तमाम परिस्थितियों ने एक बात तो साफ कर दी कि अवैध तलघर संचालित करने वाले व्यापारियों के लिए सत्ता पक्ष भी सडक पर आ गया था। फिलहाल मामला शांत हो गया है लेकिन कलेक्टर शीलेंद्र सिंह का ये अंदाज देखकर स्पष्ट हो गया कि अब वे बडे अवैध तलघरों पर कार्रवाई बंद नहीं करेंगे।
- निगम के कर्मचारी सकते में
जिन स्थानों पर प्रशासन अवैध बेसमेंट हटा रहा था वहां पर अचानक महापौर और अन्य पार्षदों और सभापतियों के आ जाने से निगम के कर्मचारी सकते में आ गए थे। उन्हें ये समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें। बाद में अधिकारियों ने वहां पहुंचकर स्थितियों को संभाला। उधर निगम अध्यक्ष साेनू मागो ने भी मोर्चा संभाल लिया था। इसी के चलते निगम के कर्मचारी परेशान नजर आए। दोनों के जाने के बाद कार्यवाही में तेजी आई। फिलहाल कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने महापौर और भाजपा नेताओं से चर्चा के दौरान छोटे व्यापारियों को कुछ अंतराल की छूट तो दे दी है लेकिन बेसमेंट में बसे इन छोटे दुकान संचालकों को अपना ठिकाना तलाशने की जरुरत है।