भोपाल: निगम मंडल अध्यक्षों को लेकर दिल्ली में प्रदेश से नाम मांगे गए है। बताया जा रहा है कि इसमें आरएसएस से भी एक दर्जन नाम देने के लिए कहा गया है ताकि संगठन से भाजपा में आए पदाधिकारियों को निगम मंडलों में नियुक्त किया जा सकें। खबरों के अनुसार भाजपा की ओर से कहा गया है कि जो नेता लंबे समय से संगठन में काम कर रहे है उन्हें निगम मंडल में बिठाने की तैयारी है। कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं की भी इसमें लॉटरी लग सकती है, लेकिन इस मामले में अभी दिल्ली से कोई हरी झंडी नहीं मिली है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस से चार साल पहले और विधानसभा चुनाव में अपने समर्थकों के साथ आए नेताओं ने अपने पुर्नवास की चिंता संगठन के सामने जाहिर की थी जिसके बाद इनके नामों पर विचार किया जा सकता है। इस मामले में राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा से चर्चा कर ली है। दरअसल पार्टी इस बात से परेशान है कि इस बार उनके सामने दावेदारों की संख्या ज्यादा है और संघ के कोटे से भी दस से ज्यादा नाम भी भेजे जाने है, ऐसे में नामों को तय करना संगठन के लिए बडी चुनौती साबित हो रहा है। कहा जा रहा है कि दो बार निगम मंडलों में रह चुके नेताओं को इस बार मौका नहीं दिया जाएगा। इसको लेकर पूरी रणनीति बनाई जा चुकी है। ऐसे में कुछ नेताओं के निगम मंडल में आने को लेकर तलवार लटक रही है। इनमें से कुछ आरएसएस से आते है। आरएसएस नए नामों को लेकर विचार कर सकता है।
- पचौरी और दीपक समर्थकों की नजरें
इस मामले में कांग्रेस से भाजपा में आए सुरेश पचौरी और दीपक सक्सेना के समर्थकों की नजरें निगम मंडल अध्यक्ष पद पर लगी हुई है। हालांकि सुरेश पचौरी को लेकर ये खबरें आई थी कि उन्हें राज्यपाल का पद दिया जा सकता है। कहा ये भी जा रह है कि श्री पचौरी ने इस तरह की किसी भी मंशा से इंकार किया है। वे इस मामले में खामोश है। उधर श्री सक्सेना को उम्मीद है कि अगस्त के अंत तक सब कुछ तय हो जाएगा और उन्हें निगम मंडल अध्यक्ष से नवाजा जा सकता है। फिलहाल सभी की नजरें दिल्ली पर अटकी हुई है। वहां से क्या फैसला होगा और सूची में किसके नाम शामिल होंगे, आने वाले समय में ही साफ होगा।