सीएम बनने की कोई मंशा नहीं, राजनीति से ले लूंगा सन्यास, ऐसा क्यों कहा था प्रभात झा ने, निधन की खबर से भाजपा नेताओं में शोक

भोपाल: भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा ने शुक्रवार की तडके मेदांता अस्पताल में दम तोड दिया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 67 वर्षीय प्रभात झाके पुत्र अयत्न ने ये जानकारी देते हुए बताया कि उनका अंतिम संस्कार पैत्रक गांव कोरियाही, सीतामढी बिहार में किया जाएगा। प्रभात झा ने एक पत्रकार भी रहे है। लंबे समय तक वे इस क्षेत्र से जुडे रहे है और बाद में उन्होने भाजपा की सदस्यता ली और सक्रिय राजनीति का हिस्सा बने। उन्हें मध्यप्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था। राजनीति में आने के बाद जब वे प्रदेश अध्यक्ष बने तो उनके सीएम बनने की अटकलें जोरों पर थी। जब उनसे इस संदर्भ मे पूछा जाता था तो वे कहते थे कि मैं आगे जल्दी ही सन्यास ले लूंगा। वे खेती और बच्चों की शिक्षा पर ज्यादा फोकस किया करते थे।
प्रभात झा का विवाह  रंजना झा से हुई और उनके दो पुत्र हैं, जिसमें से एक का नाम तुष्मुल है। अप्रैल 2008 में मध्‍यप्रदेश के राज्‍यसभा चुनाव में वे बीजेपी के टिकट पर विधानसभा के सदस्‍य बने और ग्रामीण विकास समिति के सदस्‍य बन गए। जनवरी 2010 में वे जनसंख्या एवं पब्लिक हेल्‍थ के संसदीय फोरम सदस्‍य बनाए गए। किताबों के बेहद शौकीन श्री झा अगस्‍त 2012 में  रेलवे कमेटी के सदस्‍य बने और अप्रैल 2013 से शिल्पकारों और कारीगरों के संसदीय फोरम के लतगातार सदस्‍य बने हुए हैं।
हिन्दी भाषा में उनकी कुछ पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें, 2005 में ‘शिल्पी’ (तीन खंडों में), 2008 में ‘जन गण मन’ (तीन खंडों में), 2008 में ही ‘अजातशत्रु – पं. दीनदयालजी’, ‘संकल्प’, ‘अंत्योदय’, ‘समर्थ भारत’, ’21वीं सदी – भारत की सदी’, ‘चुनौतियां’ तथा ‘विकल्प’ हैं। अगस्त 2009 में लोकसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में ऑस्ट्रिया की यात्रा की थी।