नाथ की सोच से चौके नेता, नए दौर की शुरुआत के संकेत, परासिया से लेकर पार्षद तक बदलाव की बयार

छिंदवाडा: कुछ समय से कांग्रेस की राजनीति चंद स्थानीय नेताओं के इर्द गिर्द घूमती रही है। लंबे समय से इस बात को लेकर कार्यकर्ताओं में चर्चाऐं होती रही है लेकिन इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महापौर पद के लिए युवा चेहरे विक्रम आहके पर भरोसा जताकर साफ कर दिया है कि ये नए दौर की शुरुआत के संकेत है। दरअसल ये बात इसलिए भी सटीक लगती है क्योंकि विक्रम के लिए किसी बडे नेता ने कोई सिफारिश नहीं की। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो इस बार पार्षद पद के लिए भी इस तरह के फार्मूले अपनाए जा सकते है। खबर ये भी है की जिन वार्डों में पेंच फंसा हुआ है वहां चौकाने वाले नाम सामने आ सकते है। इन क्षेत्रों में स्थानीय नेताओं के समर्थन से कहीं ज्यादा प्रत्याशी की छबि पर जोर दिया जा सकता है। कहा तो ये भी जा रहा है कि इस प्रक्रिया के चलते ऐसे नाम जद में आ सकते है जो बडे कद के रहे है। उधर परासिया की जिला पंचायत सीट पर इसी के चलते पेंच फंसा हुआ है।

  • वरिष्ठों को गुस्सा दिखाकर फिर सुर्खियों में आए नेताजी

परासिया के नेताजी एक बार फिर सुर्खियों में आ गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला पंचायत सीट से नामांकन भरने वाले ये नेताजी इसलिए भी सुर्खियों में आ गए क्योंकि कल जिले के वरिष्ठ नेताओं को इन्होने अपना गुस्सा दिखा दिया। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया कि इसको लेकर वरिष्ठ नेताओं का रुख क्या रहा। सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत की सीट पर चुनाव लडने के लिए नामांकन भर चुके ये नेताजी कांग्रेस कार्यालय बुलाए गए थे क्योंकि उसी क्षेत्र से कांग्रेस के एक और नेताजी नामांकन भर चुके है। ऐसे में समझाईश देने के तौर पर दोनों को तलब किया गया था लेकिन नेताजी के तेवर देखकर वरिष्ठ नेता सकते में है। कहा जा रहा है कि इस मामले में आज दोपहर तक पूर्व मुख्यमंत्री कार्यालय से फैसला ले लिया जाएगा। फैसला किसके पक्ष में होगा कुछ ही घंटो में स्पष्ट होगा।