छिंदवाडा: आदिवाासियों की जमीन को कन्वर्ट करने के मामले को लेकर जहां कांग्रेस शोर मचा रही है वहीं भोपाल में इसे बेहद गंभीरता से लिऐ जाने की खबरें सामने आ रही है। हाल ही में इसको लेकर जिस तरह से जानकारियां सामने आई है उसने भोपाल के अफसरों को चौकाने का काम किया है। कहा जा रहा है कि जिले के अफसरों पर शक की सुई घूमने लगी है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे मामलों में लेन देन की पूरी प्रक्रिया को एक शख्स ने भोपाल के अधिकारियों को बताया है। शख्स के अनुसार पूरे मामले में लेन देन की प्रक्रिया बेहद सतर्कता से की जाती है ताकि किसी तरह का ट्रैप न हो सकें। सूत्र बताते है कि नोट गिनने के लिए एक काले रुल का उपयोग किया जाता है। यानी नोट को सीधे कोई हाथ नहीं लगाता। खबर तो यहांं तक है कि इसका एक वीडियो भी बनाया गया है। हालांकि वीडियो की पुष्टि हम नहीं करते। लेन देन करने वाले एक शख्स ने बताया कि जिसे कन्वर्ट करने के एवज में राशि दी जाती है उसका एक व्यक्ति पहले पूरा हिसाब बनाकर दे देता है। प्रक्रिया होने के बाद इस हिसाब में एक रुपए भी कम नहीं होने चाहिए। इसके बाद ये राशि संबंधित को दी जाती है। फिर इसे एक काले रुल की सहायता से गिनने का काम शुरु होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि किसी तरह का रंग हाथों में न लग जाए। यानी ट्रैप का भय रहता है। यदि कुछ राशि कम पाई गई तो उसे अगले हिसाब में चुकाने को कहा जाता है।
- भाजपा नेता की जमीन कांग्रेस नेता के नाम
यहां सूत्रों ने बताया कि एक मामला तो बेहद अजीब सामने आया। तकरीबन पचास से ज्यादा एकड जमीन को कन्वर्ट करवाने हेतु फाइल अधिकारी को दी गई, जो आज भी टेबल पर धूल खा रही है। सूत्रों ने बताया कि एक भाजपा नेता ने ये फाइल तैयार करवाई है। हैरानी की बात ये है कि जो जमीन इस भाजपा नेता ने आदिवासी से ली है वह कांग्रेस के एक आदिवासी नेता के नाम पर है। इस जमीन के कन्वर्ट होने की राह देखी जा रही है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने इस मामले को गुटबाजी के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया है। बहरहाल लगातार सामने आ रहे इन मामलो ने भोपाल में हलचल मचाकर रख दी है। इस दिशा में बडी कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।