छिंदवाडा: आदिवासियोंं के साथ भूमाफिया द्वारा किया जा रहा जमीन खरीदी के खेल को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने तल्ख रुख अपनाया है। जिले में जिस तरह से आदिवासियों की जमीन को परिवर्तित कर भू माफिया द्वारा बेचा जा रहा है उसपर पूर्व सीएम ने वर्तमान सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है। पत्र में साफ तौर पर उल्लेखित किया गया है कि इस दिशा में सख्त कार्रवाइ आवश्यक है। दरअसल आदिवासियों की गुजर बसर जमीन में होने वाली फसलों से ही होती है। इस पत्र के सार्वजनिक होने के बाद उन भू माफियाओं के हाथ पांव फूल रहे है जिन्होने इस खेल में करोडो बना लिए है। खबर है कि प्रशासन के अधिकारी भी सकते में है। दरअसल लंबे समय से इस बात की शिकायत की जा रही थी कि आदिवासियों की जमीन को योजनाबद्ध तरीके से खरीदा जा रहा है। इसमें अधिकारी अपनी भूमिका भी निभा रहे है। बडे रकबे को कन्वर्ट कर करोडो बनाने के इस खेल के तार सिवनी और आस पास के क्षेत्रों से भी जुडे हुए है। सूत्रों ने बताया कि ये क्रम अभी थमा नहीं है। हालांकि नाथ के पत्र के सामने आने के बाद प्रशासन के अधिकारी सतर्क हो गए है, लेकिन जो जमीन कन्वर्ट हो चुकी है वो आने वाले समय में अधिकारियों के गले की फांस बन सकती है।
- बडे भू माफिया ने की थी शुरुआत
बताया ये भी जा रहा है कि इसकी शुरुआत मुख्यालय के एक बडे भू माफिया ने की थी। उस दौरान इस भू माफिया ने तत्कालीन अधिकारियों को अपने विश्वास में ले लिया था, इसके बाद आदिवासी के बडे रकबे को गैर आदिवासी के नाम से परिवर्तित करवा लिया गया। जैसे ही अन्य भू माफियाओं को इसकी खबर लगी तो वे भी इस कसरत में लग गए। इसके बाद दलालों ने जाल फैलाया और वे अफसरों तक पहुंचकर इस काम को अंजाम देने लगे। सूत्रों का ये भी कहना है कि केवल दलालों ने इस काम में बडी रकम खडी कर ली। चंद दिनों में मोटरसाईकिल पर आए ये दलाल बडी बडी लक्जरी गाडियों में नजर आने लगे। जब इस खेल की खबर बाजार में आई तो आदिवासी नेताओं के कान खडे हाे गए। उन्हाेने आवाज भी उठाई लेकिन सुनवाई नहींं हो सकी। मामला पूर्व सीएम कमलनाथ के पास पहुंचा तो उन्होने आक्रामक होते हुए वर्तमान सीएम को पत्र लिख दिया। खबर है कि इस पत्र को लेकर सरकार गंभीर है। यदि मामले में आदिवासियों को जमीन वापस दिलाने की कवायद शुरु हुई तो कई भू माफिया और अफसर संदेह के घेरे में आ जाऐंगे।