छिंदवाडा: लाईनें फिल्मी गीत की है, मामला राजनीति की बात से जरा हटकर है। सोचा आज उस विषय पर लिखूं जो शहर की मूल समस्या है। जरुरी भी है, दरअसल इन दिनों शहर की सडकों पर एक राजकुमार की तूती बोल रही है। अब ये राजकुमार कौन है आप पूरी खबर पढने के बाद अंदाजा लगा लेंगे। खैर, मूल मुद्दे पर आते है। दरअसल इन दिनों शहर में एक ऐसे राजकुमार के चर्चे है जिनको लेकर सडकों पर दौड रहे ट्रेक्टरो से जमकर वसूली करने की खबरें मिल रही है, खबरों में कितनी सच्चाई है ये जांच का विषय हो सकता है। कहते है यदि कोई चौपहिया वाहन रेड सिग्नल शुरु होते ही लाईन से जरा भी आगे निकल गया तो उसे मौके पर उसे ऑफ द रिकार्ड सजा मिल जाती है। ऑफ द रिकार्ड क्या होता है इशारा काफी है। पूरे शहर में बिना नंबर के सैकडों ट्रेक्टर और चौपहिया वाहन दौडते नजर आऐंगे लेकिन राजकुमार को इससे कोई लेना देना नहीं, लेकिन यदि कोई वाहन फंस गया तो समझो पूरे नियम उसी पर उतरेंगे ऐसा क्यों होता है आप बेहतर जानते है। एक नजर शहर पर डालें तो यहां चारों और ट्राफिक के बुरे हाल है, आप यदि चौपहिया वाहन लेकर निकल जाएं तो ये पता नहीं होता कि कहां फंस जाऐंगे। लेकिन राजकुमार को इससे कोई लेना देना नहीं। हर दिन नए प्रयोग करने की बात होती है, अमल अटक जाता है। हवा हवाई प्लानिंग ने शहर को बदरंग बनाने का काम किया है। अधिकांश क्षेत्रों में पार्किंग की शिकायतें है, लेकिन समस्या उठाई जाती है तो कहते है नगर निगम करेगा। यातायात के बुरे हाल, अव्यवस्थित पार्किंग के लिए केवल वाहन चालक ही दोषी नहीं है, बल्कि राजकुमार और उनकी सेना भी इसमें बराबर की सहभागिता निभा रही है। इस ओर आला अफसरों को समझना होगा। शहर के परासिया मार्ग से लेकर आंतरिक मार्गों के हाल किसी से छिपे नहीं है। यातायात अमला कभी कभार नजर आता है। फव्वारा चौक पर अक्सर जाम लगता है, शुक्रवार को तो गल्स कॉलेज के सामने वो स्थिति होती है मानों निकलना मुश्किल हो। मुख्य मार्ग के ये हालात बयां करते है कि राजकुमार किस तरह राज कर रहे है। बहरहाल तमाम हालातो को लेकर इस लेख को लिखने का मन किया, राजनीति की बात में हम कभी कभार विषय से हटकर बात कर लिया करेंगे, आपके विचार भी इसमें शामिल हो तो हमें मदद मिलेगी। आप हमारे नंबर पर व्हाटसएप कर सकते है। नंबर है 9407575569