भोपाल: प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस जमकर मशक्क्त कर रही है। संगठन को कसने की कवायद भी तेज है, इसी बीच कुछ दिन पहले तमाम जिलों के शहर और ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्षों की घोषणा की गई, लेकिन कल अचानक खंडवा में हुई नियुक्ति को ये कहकर रोक दिया गया कि जिन चेहरों के नाम आए थे उनकी शिकायतें ज्यादा है। हालांकि पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और बताई जा रही है। जानकारों का कहना है कि हाल ही में खंडवा के नेता अरुण यादव ने सीएम के लिए कमलनाथ के चेहरे को लेकर बयानबाजी की थी, इसके बाद से समीकरण बदले है। बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र की नियुक्ति अरुण यादव के कहने पर ही की गई थी लेकिन अचानक इसपर रोक लगा देना नई चर्चा को जन्म दे रहा है। सूत्र बतातें है कि यादव के बयान को आलाकमान ने गंभीरता से लिया है और यह कार्रवाई इसी का नतीजा हो सकती है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस मामले में खामोश है। पार्टी सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि उनका लक्ष्य केवल प्रदेश में सरकार बनाना है, इसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे है। इस बीच अरुण यादव के बयान से छिंडी नई चर्चा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को भ्रमित करने का काम कर दिया। इसकी शिकायत भी आलाकमान को भेजी गई थी। बहरहाल खंडवा के अध्यक्षों पर रोक पार्टी आलाकमान से लगना इस बात के संकेत है कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज भी सबसे ताकतवर नेता है और आलाकमान की पसंद भी।