अध्यक्ष की आक्रामकता पर विपक्ष का साथ, निगम में बने समीकरणों से भाजपा नेता भी सकते में, निर्णय पर पारदर्शिता बनी मजबूरी

छिंदवाडा: नगर निगम में अध्यक्ष सोनू मागों की आक्रामकता इन दिनों खाासी चर्चाओं में है। उनकी आक्रामकता को विपक्ष का साथ मिलना इसपर तडके का काम कर रहा है। सामूहिक विवाह के आयोजन के लिए आयोजित बैठक में जो कुछ देखने को मिला उसने इस खबर पर मुहर लगा दी। दरअसल इसके पीछे की कहानी क्या है, इसपर नजर डालते है। निगम में भाजपा पार्षद दल दो फाड की स्थिति में है, पार्षदों का एक धडा नेता प्रतिपक्ष के साथ है तो दूसरा समूह भाजपा के दिग्गज पार्षदों के साथ नजर आता है। निगम के अफसरों और अपने विरोधियों की नाक में दम कर देने के लिए पहचान रखने वाले भाजपा के ये पार्षद किसी भी मोर्चे पर नेता प्रतिपक्ष के साथ ताल मिलाते दिखाई नहीं देते। उधर नेता प्रतिपक्ष को भाजपा संगठन का समर्थन हासिल है और ऐसे में कहीं न कहीं अफसरों पर उनकी छाप नजर आने लगती है। हालात ये है कि निगम अध्यक्ष सोनू मागों की आक्रामकता पर भाजपा के एक धडे के पार्षदों का समर्थन स्पष्ट तौर पर दिखाई पडने लगा है। इन हालातों में किसी भी निर्णय पर पारदर्शिता रखने की आवश्यकता अफसर महसूस करने लगे है। ऐसा नहीं होने पर उन्हें अध्यक्ष के कोपभाजन का शिकार होना पड रहा है। हालांकि अध्यक्ष सोनू मागो की इस आक्रामकता को लेकर कांग्रेस आलाकमान से भी उन्हें हरी झंडी मिल चुकी है, लेकिन इसको लेकर भाजपा का पूरा संगठन परेशान है।

  • आगामी चुनाव पर फोकस

इस मामले में अध्यक्ष सोनू मागो की अपनी सोच है, उनका कहना है कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने है और ऐसे में पार्टी को नुकसान न पहुंचे इस लाईन पर काम कर रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ के निर्देशों का लगातार पालन करके वे जनहित के कामों में लगे हुए है। उन्होने ये भी साफ कर दिया कि अफसरशाही हावी हो इसका वे पुरजोर विरोध करेंगे। बहरहाल निगम के हालातों से साफ है कि अध्यक्ष की आक्रामकता और विपक्ष के साथ से कांग्रेस पार्षदों को एक नई उर्जा मिल रही है।