छिंदवाडा: जिले में बडा घोटाला सामने आया। जिंदा का म्रत्यु प्रमाणपत्र बनाकर सरकारी राशि निकाली गई। इसके बाद जांच का खेल शुरु हुआ, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई भी की। पुलिस किसी को बख्श्ने तैयार नहीं, लेकिन ये क्या, जिले के बडे साहब ने जांच शुरु की तो हर कोई हैरान था। जिस विभाग में घोटाला हुआ उसे ही जांच का जिम्मा दे दिया गया। ऐसा क्यों किया साहब ही जाने, लेकिन एक बात तो तय है कि अब गडबडी की संभावना जताई जा रही है। इतने बडे घोटाले को लेकर साहब कितने गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जांच किससे और कितनी सख्ती से की जा रही है। हो सकता है छबि खराब होने का खतरा भी हो, लेकिन यदि जांच में ढीलाई बरती गई तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पूरे प्रदेश में इसकी गूंज होगी। उधर प्रभारी मंत्री कमल पटेल की नजरें भी इस मामले में जमी हुई है। प्रभारी मंत्री ने साहब को भी साफ कर दिया था कि जांच में कहीं न कहीं विभाग के अफसरों की भी भूमिका हो सकती है, बावजूद इसके उन अधिकारियों की जांच की जाती, उल्टे उन्हें ही जांच सौपं दी गई। खबर है कि इस बात से प्रभारी मंत्री बेहद खफा है और जल्दी ही इसकी प्रतिक्रिया भी देखने को मिल सकती है। उधर भाजपा के दूसरे नेताओं ने भी इस मामलें में भौंहे तरेरने का काम शुरु कर दिया है। वे भी प्रशासन के इस निर्णय को लेकर उपर नाराजी जता चुके है। अब सवाल ये है कि आखिर इतने गंभीर मसले पर ये निर्णय क्यों लिया गया, कहीं इसके पीछे कोई और मंशा तो नहीं? अभी कुछ भी कहना मुश्किल है। लेकिन अब ये चर्चा आम हो चली है कि कहीं साहब ने “चोर” को चाबी तो नहीं सौंप दी।