छिंदवाडा: जिले में आदिवासियों की जमीनों को कन्वर्ट करवाने के मामलों में खासा इजाफा हुआ है। तकरीबन सौ से ज्यादा जमीनों के टुकडों को कन्वर्ट करवाया गया है। आदिवासी बाहुल्य इलाके में चल रहे इस खेल में रसूखदारों के साथ साथ प्रशासन के अमले के चंद अफसर भी शामिल बताए जा रहे है। इन दिनों जो नाम इस मसले में सुर्खियों में है उनमे पांडे और शाह का शामिल होना बताया जा रहा है। दोनों नामों को लेकर बाजार में खासी चर्चाएं है। दोनों कौन है, इसकी जानकारी नहीं लगी लेकिन सूत्रों का कहना है कि इनके इशारे पर अफसर ऐसे काम करते है मानों ये शासन का हिस्सा हो। दोनों नामों ने नरसिंहपुर मार्ग के अलावा कुछ और इलाकों में स्थित आदिवासियों की जमीनों को कन्वर्ट करवाया है। सूत्रों की मानें तो इसमें छिंदवाडा से लेकर जबलपुर तक के अधिकारियों के नाम सामने आ रहे है। सरकार इस मामले में गोपनीय तरीके से जांच करवा रही है। इसके दस्तावेज कुछ नेताओं के पास पहुंचे है, उन्होने इसे केंद्र के पास भेजा है। कहा जा रहा है कि अब इस बात की तैयारी की जा रही है कि इन जमीनों की वापसी कैसे हो। सूत्रों ने बताया कि आदिवासियों की जमीनों के इस खेल में कई सफेदपोश भी शामिल है। इन जमीनों को बेचकर करोडो के वारे न्यारे करने में कई नाम सामने आए है। पहले एक नाम सिवनी से जुडा सामने आया था लेकिन अब शहर के ही जमीन विक्रेता जो इस काम को अंजाम दे रहे है उनके नामों की भी चर्चा होने लगी है।
- बुधनी में वापस हुई कन्वर्ट जमीन
आदिवासी की जमीन को कन्वर्ट करवाकर उसे करोडों में बेचने के मामले में बुधनी की एक जमीन को वापस करवाए जाने की खबर है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस जमीन को भी एक दबंग ने खरीदकर इसमें बदलाव करवा लिया था। बाद में इसे न्यायालय और सरकार की दखलअंदाजी के बाद वापस करवाया गया। सूत्रों ने बताया कि इसी तरह से जिले की जमीनों के भी रिकार्ड मंगवाए जा सकते है। सरकार ने संकेत दिए है कि आदिवासियों की जमीन के मामले में वह जल्दी ही सख्त रवैया अपनाने जा रही है। नियमों के अनुसार किसी आदिवासी को भूमिहीन नहीं रखा जा सकता। खरीददारों ने इसका भी ताेड निकालकर उन्हें हर्रई और दूसरे इलाकों में सस्ती जमीनें दिलवाई है। इसका रिकार्ड भी मंगवाया जा रहा है। सूत्र बताते है कि मामले में उन अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है जिन्होने इसमें अपनी भूमिका निभाई है। बहरहाल इस मामले को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों ने गंभीर रवैया अपनाने के संकेत दे दिए है। आने वाले समय में क्या कार्रवाई होगी ये अभी भविष्य के गर्भ में है।