हमसे क्या भूल हुई, जो ये सजा हमको मिली, जिला पंचायत फंसी, नगर निगम में भी आस कम, भाजपा संगठन सकते में

छिंदवाडा: फिल्मी गानों की ये चंद लाईने इन दिनों भाजपा संगठन के नेताओं के लिए फिट बैठ रही है। दरअसल इन दिनों भाजपा का जिला संगठन इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है ये कहना इस समय अनुचित नहीं होगा। दरअसल जिला पंचायत के चुनाव के बाद सामने आए नतीजों ने संगठन के सामने अध्यक्ष को लेकर नई परेशानी खडी कर दी है। परेशानी का विषय ये है कि भाजपा के पास अध्यक्ष के लिए कोई नाम नहीं बचा। दरअसल जिन नामों पर भाजपा दांव लगा रही थी वे पराजय का शिकार हो गए। ऐसे में भाजपा की नजरें एक निर्दलीय पर थी लेकिन जीत दर्ज करवाने के बाद से वे अचानक गायब हो गए। ऐसे में भाजपा की मुसीबतें कम होने का  नाम ही नहीं ले रही। उधर नगर निगम के महापौर के मसले पर भाजपा के नेताओं के बीच संशय देखने को मिल रहा है। भाजपा के कुछ नेता इस बात को दबी जुबान से मान रहे है कि मामला गडबड है। यदि ऐसा हुआ तो संगठन पर सवाल खडे हो जाऐंगे। इन हालातों में

भोपाल की नजरें: सूत्रों का कहना है कि छिंदवाडा के नतीजों को लेकर भाजपा संगठन की नजरें बनी हुई है। भोपाल से संगठन और सत्ता के लोग लगातार वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में है। खबर है कि नतीजों के बाद जल्दी ही एक बडी सर्जरी भी हो सकती है। सर्जरी क्या होगी अभी साफ नहीं है लेकिन भोपाल सूत्र बतातें है कि छिंदवाडा में गुटबाजी को लेकर संगठन बेहद खफा और चिंतित है।

कांग्रेस उत्साह से लबरेज: लंबे समय से कांग्रेस के कार्यकर्ता सत्ता से बाहर रहने की वजह से निराश थे लेकिन इस तरह के नतीजें और रुझानों ने एक बार फिर उन्हें उत्साहित करने का काम किया है हालांकि अभी निगम में नतीजे आने शेष है लेकिन कांग्रेस नेता मान रहे है कि सर्वे के अनुसार नतीजे उनके पक्ष में होंगे।