छिंदवाडा: मणिपुर की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके का कार्यकाल पूरा होते ही उन्हें हटाने के आदेश जारी होने की खबरों ने राजनीतिक सरगर्मी बढा दी है। जहां कांग्रेस इसकी वजह राहुल गांधी से मिलने का समय देना मान रही है वहीं सुश्री उईके के समर्थकों का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है। कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रक्रिया के तहत ये किया गया है। आगे क्या होगा पता चलेगा। हालांकि सरकार के इस फैसले को लेकर उनके समर्थक नाखुश जरुर है। छिंदवाडा जिले से आदिवासी नेत्री के तौर पर उभरी सुश्री उईके को इसके पूर्व छत्तीसगढ का राज्यपाल बनाया गया था। मणिपुर से हटाऐ जाने के बाद कोई दूसरे राज्य में राज्यपाल नियुक्त करने को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। उधर कांग्रेस इस बात पर हमलावर है। इस मामले में पंकज शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि शायद भाजपा को राहुल गांधी से मुलाकात का समय देना सही नहीं लगा। गौरतलब है कि सुश्री उईके ने बतौर राज्यपाल बेहतर भूमिका निभाई है। मणिपुर हो या फिर छत्तीगढ दोनों ही राज्यों में उन्होंने बेहतर काम किया है। सुश्री उईके पहले कांग्रेस में थी लेकिन बाद में उन्होने भाजपा की सदस्यता ली और राज्यपाल के पद पर नियुक्त की गई। एक आदिवासी चेहरा होने की वजह से उन्हें सरकार ने इस पद पर नवाजा था। बहरहाल उन्हें क्यों हटाया गया है और इसके पीछे कारण क्या है, क्या उन्हें दूसरे राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया जाएगा या नहीं, तमाम बातें भविष्य के गर्त में है। उनके साथियों ने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार किया है।