छिंदवाडा: निगम में कांग्रेस की सरकार क्या बनी, सभापतियों और पार्षदों ने अपनी अपनी ढफली अपना अपना राग अलापना शुरु कर दिया। हालात ये है कि हर कोई निगम को अपने हिसाब से चलाना चाह रहा है। सूत्र बतातें है कि नगर के एक  नेताजी ने तो हाल ही में अपनों को ही घेर लिया। एक सभापति को केबिन मिलने में देरी क्या हुई वे निगम पहुंचकर हंगामा करने लगे। हैरानी की बात ये रही कि अपनी ही सरकार को लेकर ये नेताजी बरस पडे। बाद में निगम के एक पदाधिकारी ने उन्हें समझाया और मामला शांत हुआ लेकिन इसका संदेश बेहद खराब गया। उधर एक सभापति तो निगम के अफसरों को आडे हाथों लेने से नहीं चूक रहे। जानकारों का कहना है कि सभापति महोदय ने पहले तो निगम के एक कर्मचारी के साथ गाली गलौच की और बाद में अन्य अधिकारियों को निशाना बनाने लगे। बताया जा रहा है कि ये सभापति इस बात को लेकर आक्रामक है कि वे जो बोले उस काम को कर दिया जाए चाहे उसमें कितना भी खर्च हो। यही वजह है कि महिला सभापति के पति निगम में मर्यादा भूल जाते है। हालांकि बात की शिकायत पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ तक भी पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि दोनों ही इस मामले में बेहद गंभीर है। दरअसल आने वाले समय में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने है और ऐसे में निगम में चल रही हलचल का सीधा असर इन चुनावों पर पडेगा। इस बात को लेकर पहले ही सभापतियों और पार्षदों को समझाईश दी जा चुकी थी।

  • बडे प्रस्तावों पर होगी नाथ की नजरें

सूत्रों ने बताया की पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ ने इस बात के संकेत दे दिए है कि निगम में जो भी बडे प्रस्ताव सभापति द्वारा या फिर पार्षद द्वारा रखे जाए उसको लेकर वे नजरें रखेंगे। वे इन प्रस्तावों पर पहले चर्चा करेंगे बाद में इसे करना है या नहीं ये तय होगा। दरअसल कुछ सभापतियों ने पचास पचास लाख के प्रस्ताव तक तैयार कर लिए थे  जिसको लेकर अफसर हैरान थे। इन प्रस्तावों का जनहित से कोई मतलब नहीं था। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद ने साफ कर दिया है कि इन्हें हरी झंडी नहीं दी जाएगी। और इस तरह के प्रस्ताव से कहीं ज्यादा जनहित के प्रस्तावों को महत्व दिया जाएगा।