राजनीतिक संवाददाता, भोपाल
प्रदेश भाजपा के 25 से ज्यादा जिला अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। दरअसल संगठन चुनाव की सुगबुगाहट के बीच इन सभी जिला अध्यक्षों ने अपनी दूसरी भूमिका तलाशने के साथ ही उसे पाने के दोबारा प्रयास अभी से शुरू कर दिए हैं। इसे लेकर कई जिला अध्यक्ष जिले से लेकर भोपाल तक सक्रिय हैं। हालांकि इन सभी की अगली भूमिका संगठन में होने वाले बदलाव के बाद ही तय होगी। सूत्रों की मानी जाए तो भाजपा संगठन चुनाव में 25 से ज्यादा जिला अध्यक्षों को बदल कर उनकी जगह पर नए और युवा चेहरों को पार्टी की जिम्मेदारी देगी। इसमें सबसे ज्यादा वे जिला अध्यक्ष प्रभावित होंगे जिन्हें इस पद पर चार-पांच साल हो गए हैं। इन्हें हटाया जाना लगभग तय माना जा रहा है। इन जिला अध्यक्षों को भी यह पता है कि उनका कार्यकाल अब ज्यादा समय का नहीं बचा है, ऐसे में वे भी संगठन में अपनी नई भूमिका पाने के लिए प्रयास में जुटे हुए हैं। इसके चलते कई जिला अध्यक्ष भोपाल में अभी से सक्रिय हो गए हैं। इनमें से कुछ प्रदेश संगठन में जगह पाने के लिए अभी से प्रयास कर रहे हैं, जबकि कुछ सत्ता में दीनदयाल अंत्योदय समिति और अन्य जगह पर अपनी संभावनाएं तलाश करने के प्रयास में हैं।
- इनको हो चुके पांच साल पूरे
जिन जिला अध्यक्षों को पांच साल पूरे हो चुके है उनमें नरसिंहपुर के अभिलाष मिश्रा, उज्जैन शहर विवेक जोशी , उज्जैन ग्रामीण बहादुर सिंह बोरमुंडला, विदिशा राकेश जादौन , सीहोर रवि मालवीय, खंडवा सेवादास पटेल , खरगौन राजेंद्र राठौर, दतिया सुरेंद्र बुधोलिया, श्योपुर सुरेंद्र जोट, शिवपुरी रवि बाथम, मुरैना योगेश गुप्ता, निवाड़ी अखिलेश अयाची, और मंडला भीष्म द्विवेदी को पांच साल पूरे हो चुके हैं। इसी तरह नीमच के पवन पाटीदार, मंदसौर के नानालाल अठौलिया, देवास के राजीव खंडेलवाल, शहडोल कमल प्रताप सिंह, सागर के गौरव सिरोठिया, टीकमगढ़ के अमित नूना, सिवनी के आलोक दुबे, उमरिया के दिलीप पांडे, नर्मदापुरम के माधव अग्रवाल सहित कुछ अन्य जिलों के अध्यक्षों का कार्यकाल चार साल का हो चुका है। इन सभी की भूमिका बदल सकती है। जिला अध्यक्ष के लिए इनकी जगह पर नए एवं युवा चेहरों को मौका दिया जा सकता है।