छिंदवाडा: चुनाव के मौसम में कांग्रेस से भाजपा में गए नेताजी के इन दिनों कुछ ऐसे हाल है कि गाने की ये लाईनें उनपर चरितार्थ होती नजर आने लगी है। दरअसल चुनाव का मौसम और बडे नेताओं से पांच कुर्सियों के बीच की ये दूरी भला कैसे सहन हो। खैर– उनकी स्थिति क्या है हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आने के दौरान मंच पर साफ नजर आया। पहले कभी मुख्य धारा में नजर आने वाले नेताजी किनारे कुर्सी पर दिखाई दिए। असहज भी दिखे। दरअसल भाजपा का कल्चर आसानी से हजम हो जाए ये अभी नजर नहीं आ रहा। इतना ही नहीं शहर के बडे पद पर आसीन जिस नेता ने भाजपा की सदस्यता ली है उनकी भी स्थिति कमोबेश यही रही। नीचे बैठे कुछ लोगों की इस मामले में प्रतिक्रिया भी सुनाई आई। लोग कहने से नहीं चूक रहे थे कि ये तो होना ही था। फिलहाल कभी जलवे बिखेरने वाले नेताजी अब किनारे खडे होकर वापस पुरानी स्थिति में आने की राह देख रहे है। ये कब होगा, होगा भी या नहीं आने वाले समय में ही साफ होगा।
- कुर्सी के लिए भी विवाद
मंच पर मौजूद एक कांग्रेस के नेता तो कुर्सी के लिए ही परेशान हो गए थे। सूत्रों के अनुसार ये नेताजी एक भाजपा नेता से कुर्सी के लिए बहस भी करने लगे थे, बाद में ये किसी तरह अपने पसंद के स्थान पर बैठे। खबर है कि ये नेताजी को अपने पुराने दिन याद आ रहे थे, वे वैसी ही स्थिति यहां भी चाह रहे थे लेकिन भाजपा के मौजूद नेताओं ने उन्हें ऐसा करने से रोका था। बहरहाल भाजपा में शामिल हुए ये नेेता अपनी स्थिति को तलाशते नजर आने लगे है।
- भाषण नहीं दे पाए भाजपा के नेता
उधर भाजपा के पुराने नेता भी इस बात से परेशान है कि उन्हें अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने भाषण देने नहीं मिला। उनके लिए परेशानी का विषय ये था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने कांग्रेस से आए नेताजी को भाषण के लिए कहा गया लेकिन उन्हें पूछा तक नहीं गया। अब ये अलग बात है कि इस मामले को लेकर भाजपा नेता इत्तेफाक नहीं रखते, लेकिन जो हो रहा है उससे जहां कांग्रेस के शामिल नेताओं में हलचल है वहीं भाजपा के पुराने नेता भी हैरान नजर आने लगे है।