छिंदवाडा: इन दिनों जुगनू खासी चर्चाओं में है। होना भी चाहिए। नया युग्म जो बना है। पहले कभी यही जुगनू अपने आदर्श के लिए नजर आती थी, लेकिन अब इसपर कोई और सवार हो गया। आप बात समझ गए होंगे। हाल ही मेंं जुगनू में भाजपा प्रत्याशी नजर आने लगे है। नामांकन के समय जुगनू से जैसे ही भाजपा प्रत्याशी उतरे तो वहां मौजूद लोग हैरान हो गए। होना लाजमी भी है, जुगनू ने पार्टी बदल दी ये तो सार्वजनिक है लेकिन प्रत्याशी जुगनू में घूमने लगे ये चर्चा का विषय बन गया। लंबे समय बाद पुराने संबंध नजर ताजा हुए है। खैर— ये अलग विषय है लेकिन लोकसभा चुनाव में जिस तरह के रंग नजर आ रहे है उससे न केवल कांग्रेसी बल्कि भाजपाई भी हैरान है। कांग्रेस के वफादार और मालदार कहलाने वाले नेता शिफ्ट हो रहे है, भाजपाई अपनी जगह तलाश रहे है। शिफ्ट होने वाले नेताजी बंद कमरों में रणनीति बना रहे है, भाजपाई मैदान में घूमने की तैयारी में है। कहा ये जा रहा है कि पहली बार ऐसा चुनाव देखने को मिल रहा है जब काग्रेस के नेता ही भाजपा का पॉवर हाउस बनने तैयारी में है। चुनाव में यदि सब कुछ ठीक रहा तो एक बार फिर दरबार चमकेगा, और यदि मामला गडबडाया तो दरबार समझो—, मामला भविष्य की गर्त में है।
- क्या करें क्या न करें
भाजपा नेताओं के सामने बडी मुश्किल ये है कि वे क्या करें और क्या न करे। पार्टी के लिए लंबे समय से काम कर रहे इन नेताओं और कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के नेताओं की भीड नागवार गुजर रही है। भले ही वे इसे अपनी बातों मेंं बयां न कर रहे हो लेकिन गाहे बगाहे दर्द जुबां पर आ ही रहा है। उधर भाजपा में जिस तरह से लोग जा रहे है कांग्रेस भी परेशान है, परेशानी दोनों ओर है। किसकी ज्यादा है, ये नतीजे आने के बाद तय हो जाएगा।