छिंदवाडा: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व सांसद नकुलनाथ के मन में क्या चल रहा है, इसको लेकर लंबे समय से कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल लोकसभा और अमरवाडा के उपचुनाव के बाद कांग्रेस की राजनीति में आए सूनेपन को लेकर कार्यकर्ता और नेता परेशान है। इसी के चलते कमलनाथ भोपाल में तीन दिनों तक अपने समर्थकों से विचार विमर्श करेंगे। लोकसभा चुनाव में हुई पराजय के बाद भोपाल में नेताओं से चर्चा के लिए पहुंचे कमलनाथ न केवल कांग्रेस की स्थिति पर बल्कि अन्य मुद्दो पर भी विचार विमर्श कर सकते है। सूत्रों की मानें तो जिले से विधायकों समेत कुछ कांग्रेस नेता भी भोपाल पहुंच रहे है। इन नेताओं से लोकसभा चुनाव में हुई पराजय के कारणों के साथ साथ आने वाले समय में तय की जाने वाली रणनीति पर भी रायशुमारी किए जाने की संभावना है। कहा ये भी जा रहा है कि श्री नाथ ने पूरे प्रदेश से तकरीबन दो सौ से ज्यादा नेताओं को समय दिया है। ये सभी नेता तीन दिनों तक बारी बारी से नाथ के पहुंचकर अपने विचार रखेंगे। उधर दिल्ली में राहुल गांधी के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की बैठक के बाद कांग्रेस प्रदेश में कुछ नया करने की तैयारी में है। सूत्रों ने बताया कि इसको लेकर पूरा कार्यक्रम तय किया गया है। कार्यक्रमों के साथ साथ समय समय पर धरना और विरोध प्रदर्शन जैसे आंदोलन भी देखने को मिल सकते है। फिलहाल नाथ की इन तीन दिनों तक होने वाली मुलाकातों पर राजनेताओं की नजरें लगी हुई है। इस बैठक में क्या निकलकर सामने आएगा आने वाले समय में ही साफ हो पाएगा।
- जिला कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर हो सकती है रायशुमारी
सूत्रों का कहना है कि नाथ जिले में नया कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए नेताओं और विधायकों से रायशुमारी कर सकते है। गौरतलब है कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे के लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद दिए गए इस्तीफे से इस तरह की चर्चाओं का बाजार गरमाया हुआ है। कहा जा रहा है कि इस बार जिला कांग्रेस अध्यक्ष कोई नया चेहरा हो सकता है। संभावना है कि युवाओं को मौका दिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस मामले में भोपाल बुलाए गए जिले के नेताओं से भी चर्चा कर सकते है। जो नाम वर्तमान में सुर्खियां बटोर रहे है उनमें सोनू मागो, पप्पू यादव और मनीष पांडेय के नाम शामिल है। इसके अलावा कुछ और नेताओं ने भी अपनी दावेदारी रखी है। हांलाकि अध्यक्ष बदलेगा या फिर श्री ओकटे को ही बने रहने के लिए कहा जाएगा स्पष्ट नहीं है।