छिंदवाडा: नगर निकाय चुनाव में महापौर की टीम के गठित होने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ ने सतर्कता बरतनी शुरु कर दी है। दरअसल सभापतियों के लिए जिस तरह से नाम तय किए गए है उसके बाद विभागों को लेकर रस्साकशी चल रही थी। अधिकांश सभापति मलाईदार विभाग की चाह लिए बैठे थे लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद ने साफ कर दिया कि नगर निगम में किसी को मनमानी करने नहीं दी जाएगी। जनहित के कामों को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होने तल्ख लफ्जों में कहा है कि भ्रष्टाचार हुआ तो बर्दाश्त नहीं होगा। किसी भी तरह की अनुमति के लिए न केवल महापौर बल्कि अध्यक्ष की सहमति जरुरी होगी। इसके अलावा सांसद स्वयं अधिकारियों से संपर्क में रहेंगे। इन हालातों से साफ है कि निगम को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ किस तरह से चलाना चाहते है। बताया जा रहा है कि मलाईदार विभाग की चाह रखने वाले कुछ पार्षदों ने पहले से ही आय के साधनों को तय कर दिया था जिसको लेकर भोपाल में नाराजी जताई गई थी और यही वजह रही की स्वास्थ्य विभाग महापौर के ही पास रखा गया है।
- पर्दे के पीछे राजनीति करने वालों पर नजर
सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ उन नेताओं पर भी नजर रखे हुए है जो पर्दे के पीछे कहीं न कहीं पार्षदों और सभापतियों को मोहरा बनाकर अवैध काम करवाने की मंशा रखते है। इसके लिए उन्होेने अफसरों को साफ शब्दों में कहा है कि ऐसा कोई काम न करें। और यदि ऐसा कोई करवाता है तो सीधे उन्हें नाम सूचित करें, ताकि कांग्रेस ऐसे नेताओं पर कार्रवाई कर सकें। खबरों के अनुसार ऐसे चार नेताओं के नाम भी सामने आए है।
- अवैध कॉलोनियां बनेंगी आय का जरिया
निगम के तहत आने वाली अवैध कॉलोनियों पर भी महापौर और अध्यक्ष की नजरें होगी। जानकारी के अनुसार अवैध कॉलोनियों को लेकर निगम बेहद सख्त होगी। फिर वो चाहे कांग्रेस नेता के समर्थक की हो या भाजपा की। अफसरों के साथ हुए एक बैठक में ये भी साफ कर दिया गया कि शहर की तकरीबन बीस कॉलोनियों के नाम सामने आए है जिनपर जल्दी ही कार्रवाई की जाए। इसमें ग्रामीण इलाकों की पांच कॉलोनियां सामने है। सूत्र बतातें है कि कुछ कॉलोनियां तो कांग्रेसी नेताओं के संपर्क में रहे लोगों की है। बहरहाल इन निर्णयों से साफ है कि कांग्रेस बेहद सतर्कता से निगम को संचालित करने के मूड में है ताकि आने वाले समय में शहर वासियों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया जा सकें।