जांच अधिकारी ही बना आरोपी, प्रशासन ने बनाई थी जांच टीम, ईमानदार पुलिस ने दिखाया आईना, प्रभारी मंत्री तक पहुंचा मामला

  • जांच अधिकारी को ही बनाया आरोपी
  • पांच अन्य कर्मचारियों के नाम भी शामिल

छिंदवाडा: पिछले कुछ दिनों से बोहनाखैरी में जीवित को म्रत बताकर प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में जांच चल रही थी। पुलिस तो अपना काम कर रही थी लेकिन प्रशासन के अफसर इस मामले में अजीबो गरीब रवैया अपनाए हुए थे। उन्होने मामले में जिस विभाग में यह मामला हुआ उसी विभाग के प्रमुख केा जांच अधिकारी बना दिया। ऐसे में सवाल भी खडे होने लगे, कहा जाने लगा कि कहीं न कहीं किसी को बचाने का प्रयास हो रहा है। आज उस वक्त सब कुछ साफ हो गया जब एसआईटी ने जनपद सीईओ को ही आरोपी बना दिया, मतलब साफ है कि जिसे बडे साहब ने जांच की चाबी सौंपी थी वही आरोपी बन गया। अब सवाल खडे होने लगे है, प्रशासन के अफसर ये कैसी जांच कर रहे थे। सूत्रों ने बताया कि मामला दर्ज करने से पहले पुलिस अधिकारियों ने भी पूरी कसरत की है। कारण ये है कि वे इस मामले में कोई ऐसी कमी नहीं छोडना चाहते जिससे गरीबों का सरकारी पैसा निगलने वालों को राहत मिलें। एसआईटी के अफसर ये भी कह रहे है कि मामले में पांच और आरोपी बनाए गए है। अब इस मामले में जिला प्रशासन पर भी सवाल खडे होना लाजमी है। बात प्रभारी मंत्री से लेकर सरकार के पास भी पहुंच गई है। सूत्रों ने बताया कि मामले को सरकार बेहद गंभीरता से ले रही है और जल्दी ही इसके नतीजे भी नजर आऐंगे। सरकारी सूत्रों का कहना है कि भोपाल के आला अफसरों ने इस मसले पर सीएम से भी चर्चा की है और किसी को न बख्शने के निर्देश सीएम ने दिए है। इन सबके बावजूद आरोपी अफसरों पर किसका हाथ है, ये बात जांच का विषय बनी हुई है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि साहब आपने तो सचमुच आरोपी को ही चाबी सौंप दी थी, लेकिन ईमानदार पुलिस ने आईना दिखा दिया।