छिंदवाडा: कुछ दिनों से शहर का राजनीतिक माहौल बेहद गर्माया हुआ था। भाजपा के नेता काफी व्यस्त थे, भाजपा में राजनीति के चाणक्य समझे जाने वाले ग्रह मंत्री अमित शाह छिंदवाडा जो आ रहे थे। वे आए और चले भी गए, पीछे छोड गए राजनीति के विश्लेषकों के पास नया काम, काम विश्लेषण का। अब विश्लेषक अपने अपने एंगल से इसे अंजाम दे रहे है। विश्लेषण का विषय है शाह की सभा के साइड इफैक्ट क्या होंगे। किसी ने कहा कांग्रेस सकते में है तो कोई कहता रहा कार्यक्रम असरकारक नहीं रहा। बहरहाल इन सबसे अलग हमारा अपना विश्लेषण है। हम एक एक करके अलग अलग बिंदुओं से विश्लेषण करेंगे।
- भाजपा को फायदा या नुकसान
इस एंगल पर नजर डाले तो भाजपा को इससे फायदा कम और नुकसान ज्यादा समझ आ रहा है। इसे भले ही भाजपा नेता गले न उतरने वाली बात समझे लेकिन हकीकत यही समझ आती है। दरअसल ये आयोजन गुटबाजी को और ज्यादा गहरा कर गया। समझौते की संभावना लगभग समाप्त नजर आने लगी। माना जा रहा है कि आयोजन के बैनरों और पोस्टरों से गायब हुए कुछ चेहरे नई रणनीति पर काम करने लगे है। इन सबके बीच एक बात जो चर्चा का विषय बन गई है वह ये है कि संगठन के बडे बडे नेताओं की मौजूदगी के बावजूद गुटबाजी पर विराम नहीं लगा। कुछ कहना है कि संगठन के नेता मानते है कि इससे कोई फर्क नहीं पडेगा। जबकि नगर निगम चुनाव में इसके नतीजे भाजपा के सामने आ चुके है। बावजूद इसके गुटबाजी पर बिना ध्यान दिए काम करना भाजपा के नेताओं के लिए किसी बडी चुनौती से कम नहीं। भाजपा नेताओं की मानें तो अंचलकुंड में शाह के आने से आदिवासी समाज पर इसका असर पडेगा और संभव है कि कुछ प्रतिशत वोट उनकी ओर आ जाए।
- कांग्रेस को राहत
शाह के दौरे को लेकर कुछ समय से परेशान हो रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम के बाद राहत की सांस ली है। कहा जा रहा था कि शाह भाजपा कार्यालय में बैठक लेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, इतना ही नहीं लाखें की भीड एकत्रित करने का दावा करने की बात भी सवाल खडे हो गए। मैदान में जो संख्या थी वह किसी की नजर से छिपी नहीं थी। इस संख्या ने कांग्रेस को राहत पहुंचाने का काम किया है। कांग्रेस के नेता इस बात से खुश है कि तीन से चार घंटे का समय देने वाले शाह केवल डेढ घंटे में ही चले गए। कांग्रेस में भाजपा की गुटबाजी को लेकर भी चर्चाएं बनी हुई है।
- दावो का जवाब देने की तैयारी में कांग्रेस
कांग्रेस के अनुसार मंच से विकास को लेकर जिस तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दावा किया है उसका जवाब जल्दी देंगे। दस्तावेजों के साथ कांग्रेस जल्दी ही मैदान में उतरेगी और उन तमाम बातों को सार्वजनिक करेगी जिन्हें मंच से कहा गया है। हालांकि दावा कब होगा और कैसे होगा इसको लेकर कुछ साफ नहीं है। लेकिन आज कांग्रेस के सक्रिय नेताओं ने साफ कर दिया कि जो कुछ मंच से बोला गया है उसमें काफी कुछ गलत है।