छिंदवाडा: विधानसभा चुनाव के नतीजे आए, कांग्रेस को उर्जा मिली और भाजपा को झटका। चुनावी नतीजों ने साफ कर दिया कि चाहे पूरी ताकत झोंक दी जाए लेकिन जनता जो समझेगी, चाहेगी वही होगा। मतलब साफ है कि सारी ताकत लगाने के बावजूद भाजपा को कर्नाटक की जनता ने नाकार दिया। स्थिति भी ऐसी हो गई कि भाजपा को मतदाताओं ने जोड तोड की राजनीति के लायक तक नहीं रहने दिया। इन हालातों में भाजपा आलाकमान की नजरें अब मध्यप्रदेश में है। प्रदेश को लेकर नई रणनीति तैयार करने की बात कही जा रही है। उच्च सूत्रों की मानें तो जल्दी ही भाजपा संगठन में बडी सर्जरी की जा सकती है। उच्च स्तरीय बदलाव भी संभव है, क्योंकि कर्नाटक के बाद भाजपा अब मध्यप्रदेश में किसी तरह की रिस्क लेने के मूड में नहीं है। कहा जा रहा है कि लगातार मिलते नकारात्मक फिडबैक के कारण आलाकमान सकते में है। जानकारों की मानें तो वर्तमान हालातों में भाजपा बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। उसके वरिष्ठ नेता लगातार पार्टी छोडकर कांग्रेस का दाम थाम रहे है। सूत्र बतातें है कि एक माह में भाजपा को बडे झटके देने की तैयारी कांग्रेस ने की है। भाजपा के तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ नेता कांग्रेस ज्वाइन कर सकते है। ऐसा नहीं है कि इसकी भनक भोपाल में नहीं है लेकिन नाराजों को मनाने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है। यही वजह है कि आलाकमान मध्यप्रदेश में बडा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है, कदम क्या होगा आने वाले समय में साफ होगा।
- प्रदेश में नाथ की बिसात से भाजपा परेशान
मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने जिस तरह से चुनावी बिसात बिछाई है उससे भाजपा परेशान है, ये कहना इसलिए भी अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि भाजपा को एक के बाद एक लगातार झटके मिल रहे है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नाथ के संपर्क में भाजपा के प्रभावशाली नेता है, हालांकि नाथ इस मामले में बेहद सोच समझकर निर्णय ले रहे है। सूत्र बतातें है कि महाकौशल से जल्दी ही एक बडा चेहरा कांग्रेस को दामन थामेगा। जबकि ग्वालियर चंबल क्षेत्र में भी बडी सेंधमारी हो रही है। साफ है कि उन्हें अपने ही गढ में घेरने का मन बना रही भाजपा पूरे प्रदेश में घिरती नजर आ रही है।