छिंदवाडा: स्थानीय चुनाव की सुगबुगाहट से नेताजी टेंशन में है। दरअसल उनकी प्रतिष्ठा का प्रश्न होगा। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों में जबसे नए जिलाध्यक्ष बने है तबसे यह पहला चुनाव होगा। हालात देखिए दोनों दलों में एक सी टेंशन है। वो है पूर्व मंत्रियों की। भाजपा में जहां चंद्रभान चतुराई से अपनी राजनीतिक अनुपस्थिति का एहसास आलाकमान को करवाना चाहते है वही कांग्रेस में लंबे अर्से से खामोश दीपक सक्सेना भी अपना दर्द लिए कमरे में कैद है। हालांकि दोनों नेताजी कभी कभार मैदान में नजर आकर ये जरुर दिखा देते है कि वे राजनीति में बने हुए है लेकिन पार्टी के नजरिए से देखे तो मामला संजीदा लगता है। परेशानी भी बडी है। भाजपा के पूर्व मंत्री चंद्रभान सिंह तो कई बार ये संकेत भी दे चुके है कि जिले में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। पार्टी आलाकमान से उन्होंने कई मर्तबा शिकायत भी की है, लेकिन भाजपा के जिलाध्यक्ष बंटी साहू अपने तरीके से काम करने पर भरोसा करते है। यही हाल कमोबेश कांग्रेस का भी है। पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना स्थानीय नेताओं की कार्यशैली से खफा है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ सारे मामले को अपने तरीके से हैंडिल कर रहे है। कमलनाथ ने तो साफ कर दिया है कि स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव के नतीजे ही नेताओं के कद को तय करेंगे।
- नाथ पर नाथ की नजरें
जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ की नजरें है। वे हर पल विश्वनाथ ओकटे संपर्क कर मैदानी सक्रियता की जानकारी भी ले रहे है। इस माह के अंत में दोनों ही नेताओं के दौरे तय माने जा रहे है और कहा ये भी जा रहा है कि इस दौरे में कमलनाथ और नकुलनाथ दोनों ही बैठकों में व्यस्त नजर आऐंगे। इसके अलावा वे रणनीति पर भी जिला कांग्रेस अध्यक्ष समेत अन्य नेताओं से चर्चा करेंगे। सबसे कठिन कार्य प्रत्याशी चयन का होगा जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ गाइडलाईन देंगे कि चयन प्रक्रिया किस तरह की जानी है।