छिंदवाडा: नगर निकाय चुनाव में अच्छी खासी जीत दर्ज करवाने के बाद कांग्रेस में अब सभापतियों को लेकर नेता माथापच्ची कर रहे है। 28 पार्षदों में से तकरीबन 18 पार्षद सभापति की कतार में खडे है जबकि दस को इसमें जगह दी जानी है। ऐसे में स्थानीय नेताओं का सिरदर्द बढ गया है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ ने साफ कर दिया है कि सभापति बेहद सोच समझकर बनाए जाऐंगे, किसी के साथ पक्षपात नहीं किया जाएगा। नेताओं के समर्थकों का रिकार्ड और काम करने की शैली के साथ साथ ये देखा जाएगा कि वे निर्धारित किए गए मापदंडों में सही बैठ रहे है या नहीं। यदि वे सही नहीं बैठ पाए तो उन्हें सभापति नहीं बनाया जाएगा। इससे साफ है कि इस बार नेताओं को मनमानी करने नहीं मिलेगी। जानकार बतातें है कि पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद दोनों ही आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को लेकर बेहद गंभीर है, यही वजह है कि सभापतियों की सूची जारी करने में सतर्कता बरती जा रही है। अभी तक कांग्रेस नेताओं ने तीन सूची पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद के पास भेजी है लेकिन किसी पर भी मुहर नहीं लग पाई है। जो नाम अभी तक सामने आए है उनमें प्रमोद शर्मा, चंद्रभान देवरे, श्रीमति मनोज सक्सेना या शिवानी सक्सेना, श्रद्धा माहोरे, राहुल मालवीय, तरुण कराडे, ब्रजेश राय, सरला श्रीवास्तव शामिल है। इसके अलावा अन्य नामों पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि अभी किसी को हरी झंडी नहीं मिली है।
- स्वास्थ्य विभाग की मांग क्यों?
बताया जा रहा है कि सभापतियों की दौड में शामिल अधिकांश पार्षद स्वास्थ्य विभाग मांगने की जिद कर रहे है। हैरानी वाली बात ये है कि सभी को स्वास्थ्य विभाग की क्यों पडी है। जानकार बताते है कि अभी से पार्षदों के बीच ये चर्चा आम है कि स्वास्थ्य विभाग कमाई वाला विभाग है। उधर इस बात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद दोनों ही गंभीर है और हो सकता है कि ये विभाग महापौर या फिर अध्यक्ष के पास ही रहे। बहरहाल कौन सभापति बनेगा और किसे कौन सा विभाग मिलेगा जल्दी ही पता चल जाएगा।