भोपाल: विधानसभा चुनाव में अफसरशाही सत्ता और विपक्ष दोनों के निशाने पर है। सीएम शिवराज कह रहे है कि कोई अफसर ये न समझे की सत्ता की चाबी किसी और के हाथ में जा रही है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ तौर पर चेतावनी दे दी है कि अफसरों पर हमारी नजर है, पक्षपात हुआ तो सत्ता आते ही होगी कार्रवाई। बताया तो ये भी जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की टीम बाकायदा संदिग्ध अफसरों की सूची तैयार कर रही है। इसमें प्रदेश भर के अलग अलग विभागों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल है। इन हालातों में अफसरशाही कन्फ्यूजन में है कि करें तो करें क्या? उधर कुछ मामले ऐसे भी सामने आने लगे है जब अफसरों पर खुलकर सत्ता का साथ देने का आरोप लग रहा है। ऐसा ही एक मामला सतना में सामने आयसा था जहां के कलेक्टर और निगम आयुक्त पर इस बात के आरोप लगाए जा चुके है कि वे आर एस एस के एक कार्यक्रम में पूरे समय मौजूद रहे। कांग्रेस की ओर से इस मामले में आपत्ति भी दर्ज करवाई गई। ऐसे ही मामले प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आ रहे है। हालांकि अफसर अपने बचाव में तर्क दे रहे। बहरहाल ब्यूरोक्रेसी दोनों ही दलों के निशाने पर नजर आने लगी है। सत्ता किसकी आ रही है इसको लेकर अफसर भी लगातार जानकारी जुटा रहे है ताकि उनसे कोई गलती न हो जाए।
- छिंदवाडा के अफसरों पर नजरें
जानकारों की माने तो टीम कमलनाथ की सबसे ज्यादा नजरें छिंदवाडा के अफसरों पर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि यहां के कुछ अफसरों पर पक्षपात की शिकायतें कांग्रेस नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ से की है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद ने साफ कर दिया है कि जो अफसर पक्षपात करेगा सत्ता आने पर बख्शा नही जाएगा। बहरहाल भाजपा और कांग्रेस के बयानों के बीच ब्यूरोक्रेसी बेहद सतर्क रहकर काम कर रही है।